What is Relative Strength | रिलेटिव स्ट्रैंथ क्या है

What is Relative strength

  • Relative Strength एक स्ट्रेटजी है जिसका प्रयोग मोमेंटम इन्वेस्टिंग और विलयू स्टॉक की पहचान करने मे किया जाता है
  •  टेक्निकल एनालिसिस में रिलेटिव स्ट्रैंथ का प्रयोग किसी ऐसेट की प्राइस को ओवरसोल्ड या ओवरव्हाट  देखने के लिए किया जाता है
  • Relative Strength इंडिकेटर  किसी ऐसेट की प्राइस मोमेंटम को दर्शाता है  

IMPORTENT POINTS 

  • Relative Strength एक प्रकार की मोमेंटम इन्वेस्टिंग है  जिसका प्रयोग टेक्निकल एनालिसिस और वैल्यू इन्वेस्टर द्वारा किया जाता है
  •  इससे ऐसे इन्वेस्टमेंट का चयन करना शामिल है जो अपने मार्केट या बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन कर सकते है
  • Relative Strength वाले निवेशक मानते है कि बेहतर प्रदर्शन का ट्रेंड जारी रहेगा अगर ट्रेंड रिवर्स होता है तो हमारा निवेश खराब प्रदर्शन करेगा

अंडरस्टैंडिंग रिलेटिव स्ट्रेंथ  

  •  वैल्यू इन्वेस्टिंग का लक्ष्य कम दाम पर खरीदना और ऊचे दाम पर बेचना है रिलेटिव स्ट्रैंथ निवेश का लक्ष्य उच्च दम पर खरीदना और उसे और भी ऊचे दाम पर बेचना है इस प्रकार रिलेटिव स्ट्रैंथ वाले निवेशक यह मानते है की मार्केट द्वारा प्रेजेंट ट्रेंड लंबे समय तक जारी रहेगा ताकि उन्हे पॉजिटिव रिटर्न का एहसास हो सके अगर मार्केट मे सडन रिवर्स आ जाए तो हमारे द्वारा किया गया निवेश नेगेटिव परिणाम दिखाएगा

  • अच्छा निवेश करने के लिए रिलेटिव स्ट्रैंथ वाले निवेशक इंडेक्स nifty 50 bank nifty जैसे बेंचमार्क देखना स्टार्ट करते है फिर वे यह देखते है कि उस market मे कौन सी कंपनियों ने अपने peers से बेहतर प्रदर्शन किया है फॉर एग्जांपल पहले हम बैंक निफ़्टी के चार्ट को रिलेटिव स्ट्रैंथ की हेल्प से एनालाइज करेगे और इसके अकॉर्डिंग बैंक्स के स्टॉक को देखेगे क्या वह भी बैंक निफ्टी की तरह ही परफॉर्म कर रहे है तो हम इसके अकॉर्डिंग ट्रेड लेना स्टार्ट करेगे

  • क्योकि Relative Strength निवेदक यह मानता है कि वर्तमान ट्रेंड भविष्य मे भी जारी रहेगा इसके विपरीत 2007-2008 के फाइनेंशियल क्रश रिलेटिव स्ट्रैंथ निवेशको के लिए खतरनाक हो सकते है क्योकि वह निवेश के ट्रेंड मे तेजी से बदलाव आ सकते है इस स्थिति मे निवेशको को अपनी साइकोलॉजिकल बदल  लेनी चाहिए

  • हालाकि मोमेंटम निवेश अक्सर इंडिविजुअल स्टॉक से जुड़ा होता है इसे इंडेक्स फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का उपयोग करके पूरे मार्केट और इंडस्ट्री सेक्टर मे भी लागू किया जाता हैइसी तरह निवेशक रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट का प्रयोग करके अन्य  ऐसेट क्लास सेक्टर  जैसे रियल स्टेट में रिलेटिव स्ट्रैंथ निवेश कर सकते है
  • https://www.youtube.com/watch?v=WZkXcfr4r3c

Real – Word Example of Relative Strength 

  • विजय एक रिलेटिव स्ट्रैंथ निवेदक है जो कॉर्पोरेट बॉन्ड की प्राइस और निफ्टी 50 पर कड़ी नजर रखता है उसके निवेश पोर्टफोलियो मे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड और Etf शामिल है जो कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट पर नजर रखता है एक रिलेटिव स्ट्रैंथ निवेदक राइट टाइम पर उन  ऐसेट क्लास मे अपना निवेश को बढ़ाता है जो उसे समय अच्छा परफॉर्म कर रहे होते है ऐसा करने से उसे ऐसेट मे बहुत अच्छा प्रॉफिट हो सकता है और राइट समय पर अपने प्रॉफिट को बुक भी करना है

  •  latest मंथ मे निवेशक शेयर की प्राइस पर अपने पोर्टफोलियो बॉन्ड एलोकेशन मे बढ़ोतरी करते है बॉन्ड मार्केट मे मनी का प्रवाह बॉन्ड की कीमतो को बढ़ाता है और yields को कम करता है

  •  इस ट्रेड के जारी रहने की उम्मीद से विजय ने निफ्टी 50 मे अपने निवेश को काम करके कॉरपोरेट बॉन्ड Etf मे अपने निवेश को बढ़ाकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है  उन्हे स्टॉक की तुलना मे बॉन्ड मे अच्छे प्रदर्शन से लाभ होने की उम्मीद है 

Relative Strength Index (RSI)

  • टेक्निकल ट्रेडर और शॉर्ट टर्म ट्रेडर दोनो ही Rsi पर नजर रखते है टेक्निकल एनालिसिस मे Rsi एक मोमेंटम इंडिकेटर है जो किसी stock या ऐसेट की प्राइस ओवरसोल्ड या ओवरवोट के बारे मे बताता है  Rsi को एक ऑक्सिलेटर ( एक लाइन ग्राफ जो दो होरिजेंटल लाइंस के बीच मूव करता है) के रूप में प्रदर्शित किया जाता है इसको रीडिंग 0 -100 तक होती है ये इंडिकेटर J. Welles Wilder द्वारा विकसित किया गया है

  • Relative Strength की प्रारंभिक व्याख्या और उपयोग यह है कि Rsi 70 के लेवल के ऊपर जाते ही प्राइस ओवरवोट हो जाती है क्योकि शेयर को लगातार खरीदने पर ऐसा देखा जाता है और ऐसा अनुमान लगाया जाता है की प्राइस यहा से एक पल बैक या ट्रेंड रिवर्सल कर सकती है

  • Rsi 30  या उसे नीचे होने पर प्राइस ओवरसोल्ड हो जाती है क्योकि जब शेयर को लगातार सेल किया जाता है तो ऐसा देखने को मिलता है और यहा से ऐसा अनुमान लगाया जाता है की प्राइस यहां से रिवर्सल होगी और buyer एक्टिव होगे और प्राइस के ऊपर लेकर जाएगे

 

 

आज हम इस पोस्ट मे Relative Strength के बारे मे  विस्तार से समझा। यदि यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे अपने  सोशल मीडिया अकॉउंटस पर जरूर शेयर करे। यदि आपके कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे कमेंट करके बता सकते है।

नमस्कार दोस्तो ! मै Bhhawwani Shankaar Saini stockmarketsaamjho ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मै stockmarketsaamjho ब्लॉग पर शेयर मार्केट, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारिया शेयर करता हूँ।

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