Support And Resistance | सपोर्ट और रेजिस्टेंस इन हिंदी

Support And Resistance 

  • Support And Resistance टेक्निकल एनालिसिस के दो पावरफुल कांसेप्ट है सपोर्ट रेजिस्टेंस की हेल्प से हम प्राइस चार्ट को आसानी से रीड कर सकते है और वहा पर सप्लाई और डिमांड का पता आसानी से लगा सकते है ट्रेंड लाइन की हेल्प से हम सपोर्ट रेजिस्टेंस डिमांड सप्लाई को आसानी से ड्रॉ कर सकते है 
  • प्राइस सप्लाई और डिमांड के अनुसार बदलती है जब डिमांड ज्यादा होती है तो स्टॉक की प्राइस  बढ़ती है इसके विपरीत जब सप्लाई ज्यादा होने पर स्टॉक की प्राइस गिरती है जब सप्लाई और डिमांड बराबर होते है तो स्टॉक प्राइस सिदेवेज हो जाता है 
  • टेक्निकल एनालिसिस मे बहुत सारे कॉन्सेप्ट होते है उनमें से किसी एक कांसेप्ट को अच्छे से समझे क्योकि किसी भी कॉन्सेप्ट मे मास्टर करने मे समय लगता है तब जाकर हम उसे कॉन्सेप्ट मे बहुत आसानी से काम कर सकते है और अच्छे प्रॉफिट जनरेट कर सकते है

IMPORTENT POINTS 

  •  टेक्निकल एनालिसिस मूल रूप से चार्ट पर Support And Resistance पॉइंट की पहचान करने मे हेल्प करता है यहा पर हम यह देख सकते है कि जो ट्रेंड चल रहा है वह कंटीन्यू रहेगा या रिवर्सल होगा 
  •  सपोर्ट एक डाउन ट्रेंड मे बनता है और प्राइस वहा पर रुकती नजर आती है क्योकि वहा पर सप्लाई ज्यादा होने के कारण प्राइस डाउन जाती हुई नजर आती है 
  •  साइकोलॉजी के महत्वपूर्ण भूमिका होती है मार्केट मे ट्रेडर और इन्वेस्टर पहले के ट्रेंड की स्टडी को प्रेजेंट ट्रेड के साथ प्रयोग करके लाभ कमा सकते है 
  •  चार्ट पर Support And Resistance एरिया की पहचान हम ट्रेंड लाइन और मूविंग एवरेज की हेल्प से कर सकते है 

सपोर्ट क्या है?

  • डाउन ट्रेन मे प्राइस इसलिए गिरते है क्योकि डिमांड की तुलना मे सप्लाई ज्यादा होती है  प्राइस जितना कम होगा शेयर को बाय करने के लिए बिग प्लेयर उसे पर नजर वोना कर रखते है एक लेवल पर प्राइस धीरे-धीरे बढ़ रही होती है क्योकि वह पर डिमांड लेवल है प्राइस फिर से नीचे आएगा और एक लेवल पर जाकर रुकेगा यह स्ट्रांग डिमांड जॉन होता है इस लेवल पर प्राइस गिरना बंद हो जाता है इसी को सपोर्ट कहते है 
  •  सपोर्ट एक चार्ट पर प्राइस  जॉन या प्राइस लेवल हो सकता है सपोर्ट लेवल प्राइस चार्ट पर वह डिमांड जॉन होता है जहा से शेयर को बाय किया जाता है यह वो लेवल होता है यहां सप्लाई की तुलना मे डिमांड ज्यादा देखने को मिलती है और प्राइस गिरना बंद होकर बढ़ना शुरू होती है

रेजिस्टेंस क्या है?

  •  रेजिस्टेंस सपोर्ट से विपरीत है  Up ट्रेड में प्राइस इसलिए बढ़ते है क्योकि सप्लाई की तुलना मे डिमांड ज्यादा होती है एक समय ऐसा आता है की buyer का पोटेंशियल कम हो जाता है और सेलर की एंट्री होती है ऐसा कई  कारण से हो सकता है ट्रेडर और इन्वेस्टर इस पॉइंट पर आकर यह सोच रहे होते है की प्राइस ज्यादा हो चुकी है या तो उनका टारगेट उन्हे मिल गया हो buyer  हाय वैल्यूएशन के कारण भी new पोजीशन नही बनाते और भी कई कारण हो सकते है एक टेक्निकल एनालिसिस प्राइस चार्ट पर एक ऐसा लेवल देखा है जहा पर डिमांड कम सप्लाई ज्यादा होती है इसे ही रेजिस्टेंस कहते है यह एक लेवल या जॉन हो सकता है 
  • चार्ट पर सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस जॉन की पहचान हो जाने के बाद वे प्राइस लेवल एंट्री और एग्जिट प्वाइंट के काम कर रहे होते है क्योकि जैसे ही प्राइस सपोर्ट लेवल पर जाती है तो डिमांड जॉन क्रिएट होता है और इस लेवल से बाइंग की जाती है और यह बाइंग तब तक होती है जब तक कुछ अच्छा रेजिस्टेंस जॉन ना आ जाए 
  • कुछ ट्रेड मे जो स्ट्रांग सपोर्ट रेजिस्टेंस होते है वह टूटते नजर आते है तो प्राइस जिस डायरेक्शन मे मूव कर रहा होता है  हमे उसे डायरेक्शन मे ट्रेड लेना चाहिए अगर ट्रेड हमारी डायरेक्शन मे जाती है तो बहुत अच्छे प्रॉफिट बनते है अगर ऐसा ना हो तो अपने लिमिटेड लॉस मे ट्रेड को क्लोज कर दे
  • https://www.youtube.com/watch?v=qIT0Kk2Ne28

The Basics

  • Support And Resistance सभी चार्टिंग टाइम फ्रेम मे बनता है जैसे डेली वीकली मंथली  ट्रेड एक मिनट और 5 मिनट के टाइम फ्रेम पर भी सपोर्ट रेजिस्टेंस फाइंड कर सकते है सबसे इंपॉर्टेंट थिंक जितना टाइम फ्रेम बड़ा होगा उतना सपोर्ट रेजिस्टेंस पावरफुल होगा सपोर्ट रेजिस्टेंस ड्रा करने के लिए चार्ट के पीछे जाकर इंपॉर्टेंट लेवल्स या जॉन को फाइंड करना होगा जहा से प्राइस up या डाउन मूव की हो  जैसे ही इस लेवल पर प्राइस फिर से आती है तो ट्रेडर और इन्वेस्टर एक्टिव हो जाते है buy या सेल करने के लिए

  •  टेक्निकल एनालिसिस पूर्ण रूप से सही नही है कभी-कभी प्राइस सपोर्ट लेवल के पहले ही रिवर्स हो जा जाता है या सपोर्ट लेवल की और ब्रेकडाउन कर देता है इसके विपरीत रेजिस्टेंस लेवल के लिए भी कुछ ऐसा ही होता है रेजिस्टेंस लेवल से पहले ही प्राइस डाउन आ जाएगी या रेजिस्टेंस लेवल को ब्रेकआउट कर देगी

Trendline  

  •  ट्रेंडलाइन Support And Resistance के सभी प्रारूप में से एक है लेकिन फाइनेंशियल ऐसेट की प्राइस डायरेक्शन अप डाउन होती है आमतौर पर देखा जाता है कि यह प्राइस  पेरियार समय के साथ बदल जाते है इसलिए सपोर्ट रेजिस्टेंस के बारे मे सीख समय ट्रेंडलाइन का कॉन्सेप्ट इंपॉर्टेंट है 
  • जब मार्केट up trend ma होता है  तो रेजिस्टेंस लेवल प्राइस के मोमेंटम को धीमा करने के लिए बनते है और वापस ट्रेंडलाइन की ओर लौटते है जब प्राइस ट्रेंड के विपरीत जा रहा होता है तो इस रिड्रेसमेंट करते हैं  रिड्रेसमेंट होने के 
  • कई कारण हो सकते है लाइक प्रॉफिट बुकिंग या bed न्यूज़ के कारण ऐसा देखने को मिलता है इस कारण से स्टॉक प्राइस मे मामूली गिरावट आती है जिससे एक शॉर्ट term टॉप बनता है 
  • बहुत से ट्रेडर का फोकस इस तरह के सेटअप पर होता है जब प्राइस ट्रेंड लाइन के पास आकर सपोर्ट ले रही होती है इस लेवल से प्राइस मे गिरावट रूकती है और यहा से buying आती है और प्राइस यहा से ऊपर नजर आता है एग्जांपल मेंहम आसानी से समझ सकते है की प्राइस ट्रेंड लाइन को कितना रिस्पेक्ट कर रहा है और वहा से प्राइस फिर ऊपर जा रही है इस एग्जांपल मे हम यह समझ आया की प्राइस ट्रेंड लाइन को कितना रिस्पेक्ट किया है

  • दूसरी और जब मार्केट down ट्रेंड मे ट्रेड कर रहे होते है तो trader उन गिरते हुए पॉइंट्स को एक ट्रेंड लाइन से कनेक्ट करते है जब प्राइस ट्रेडलाइन के पास आता है तो अधिकांश trader सेलिंग ट्रेड को एक्टिव करेगे यहाँ एक रजिस्टेंस जॉन बन जाता है यहा से शॉर्ट पोजीशंस बनाई जाती है एक परफेक्ट ट्रेंड लाइन कम से कम 3 पॉइंट को कनेक्ट करके बनाई जाती है up ट्रेड मे ट्रेंड लाइन प्राइस के नीचे ड्रॉ की जाती है और down ट्रेंड मे ट्रेंडलाइन प्राइस के ऊपर ड्रॉ की जाती है

  • कोई टेक्निकल ट्रेडर एंट्री और एग्जिट प्वाइंट चुनने के लिए अपने द्वारा ड्रा की हुई सपोर्ट रेजिस्टेंस लेवल का प्रयोग करते है क्योकि इस लेवल से प्राइज up या down जाती है

Important 

  • न्यूज़ या टिप या फिर किसी के द्वारा बताए हुए ट्रेड को आंख बंद करके नही करना चाहिए हमे अपने stock की एनालिसिस स्वयं करनी चाहिए  इमोशन मे ट्रेड नही करना ट्रेडिंग का कोई शॉर्टकट नही है हमे अपनी system पर प्रैक्टिस करनी चाहिए ट्रेड को फाइंड आउट करना चाहिए और नेक्स्ट डे उन पर एक्शन लेना है

Round number 

  • Support And Resistance की एक और सामान्य विशेषता यह है कि किसी एसेट प्राइस को एक राउंडेड नंबर के पास जाने मे कठिनाई हो सकती है फॉर एग्जांपल 50 पर शेयर ya 100 पर शेयर बहुत से लोग राउंडेड नंबर के रूप मे सोचते है और इस स्टॉक मार्केट मे भी अप्लाई करते है  क्योंकि लोग राउंडेड नंबर मे आसानी से विचार कर सकते है इसलिए बहुत से unएक्सपीरियंस ट्रेडर अक्सर प्राइस राउंडेड नंबर होने पर एसेट को buy या सेल करते है  इंडियन स्टॉक मार्केट मे प्राइस प्वाइंटों मे चलती है फॉर एग्जांपल 50.10 पर शेयर 
  •  इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर या बड़ी इन्वेस्टमेंट बैंक्स द्वारा निर्धारित टारगेट प्राइस और स्टॉप लॉस 50.05 जैसे प्राइस के बजाय राउंडेड नंबर पर रखे जाते है क्योकि एक ही लेवल पर बहुत सारे ऑर्डर रखे जाते है फॉर एग्जांपल एक बैंक के सभी क्लाइंट 50 inr पर सेल ऑर्डर लगते है तो इस सेलिंग की करने के लिए अत्यधिक संख्या में buyer की आवश्यकता होगी इस वजह से यहां रेजिस्टेंस लेवल रेडी हो जाता है

Moving Average 

  • मोस्ट टेक्निकल ट्रेड शॉर्ट टर्म मोमेंटम को कैच करने के लिए मूविंग एवरेज जैसे विभिन्न टेक्निकल इंडिकेटर की हेल्प लेते है स्टार्टिंग मे बहुत से ट्रेडर को ट्रेंडलाइन ड्रा करने मे मुश्किल होती है तो ऐसे ट्रेडर को मूविंग एवरेज की हेल्प लेना चाहिए यह हमे डायनेमिक Support And Resistance के बारे मे बताता है जैसा कि आप नीचे दिए गए चार्ट मे देख सकते है 
  • एक मूविंग एवरेज बदलती हुई लाइन है जो पेस्ट के हिस्टोरिकल डाटा को ट्रैक करती है जिससे Support And Resistance को आसानी से पहचान सकते है चार्ट मे हम देख सकते है कि जब प्राइस up ट्रेंड मे होता है तो प्राइस मूविंग एवरेज को सपोर्ट लेता हुआ नजर आता है और जब प्राइस डाउन ट्रेंड मे होता है तो प्राइस मूविंग एवरेज को रेजिस्टेंस लेता हुआ नजर आता है

  • ट्रेडर विभिन्न तरीको से मूविंग एवरेज का प्रयोग कर सकता है जैसे कि मूविंग एवरेज के up मूव होने पर प्राइस के up जाने का पूर्वानुमान करने के लिए या मूविंग एवरेज के डॉन मूव होने पर ट्रेड से एग्जिट के लिए मूविंग एवरेज का प्रयोग कैसे भी किया जाए अक्सर यह डायनेमिक सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस बनता है अधिकांश ट्रेडर मूविंग एवरेज को डिफरेंट टाइम फ्रेम मे प्रयोग करते है जो उनकी ट्रेडिंग स्टाइल को सूट करता है

Other Indicators

  •  टेक्निकल एनालिसिस मे फ्यूचर प्राइस प्रिडिक्शन करने के लिए कई इंडिकेटर प्राइस चार्ट पर प्लॉट किए जाते है जबकि अन्य इंडिकेटर को प्राइस के ऊपर या नीचे प्लॉट किया जाता है ये इंडिकेटर फर्स्ट टाइम देखने मे कॉम्प्लिकेटेड लगा सकते है और इनका प्रभावित ढंग से उपयोग करना सिखाने के लिए प्रैक्टिस एक्सपीरियस की आवश्यकता होती है
  • For example – फिबोनैकी रिट्रेसमेंट कई शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स का फेवरेट टूल है क्योकि यह संभावित सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के लेवल को स्पष्ट रूप से पहचानता है यह इंडिकेटर सपोर्ट रेजिस्टेंस के विभिन्न लेवल्स की गणना कैसे करता है नीचे दिए गए चार्ट मे देखे

Trading Ranges  

  •  Trading range ऐसे लेवल होते है जहां Support And Resistance अपेक्षाकृत करीब होते है और प्राइस कुछ टाइम के लिए इन दोनो लेवल्स के बीच मे  ट्रेड कर  रही होती है अनुभवी ट्रेड कभी-कभी इन ट्रेडिंग जॉन के भीतर ट्रेड करते है जिन्हे sideways ट्रेंड के रूप मे भी जाना जाता है यह स्ट्रेटजी तभी use मे ली जाती है जब प्राइस ऊपर वाले ट्रेड लाइन को टच करे तो शॉर्ट पोजीशंस बनाए और प्राइस नीचे वाली ट्रेन लाइन को टच करे तो लॉन्ग पोजीशन बनाए 
  •  यह स्ट्रेटजी बहुत खतरनाक है तो हमे Support And Resistance के ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन का वेट करना चाहिए और उस डायरेक्शन मे ट्रेड लेना चाहिए

सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस रिवर्सल्स

  •  जब प्राइस वापस ऊपर जाने का प्रयास करती है तो पिछला सपोर्ट लेवल कभी-कभी रेजिस्टेंस लेवल बन जाता है और इसके विपरीत जब प्राइस अस्थाई रूप से वापस गिरती है तो रेजिस्टेंस लेवल सपोर्ट लेवल बन जाते है
  •  प्राइस चार्ट ट्रेडर और इन्वेस्टर को सपोर्ट रेजिस्टेंस के एरिया विजुलाइज आईडेंटिफाई करने की अनुमति देते है

Number of Touches 

  • प्राइस जितनी बार सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस एरिया को टच करती है वह लेवल उतना ही अधिक स्ट्रांग हो जाता है जब प्राइस  सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल से रिवर्स होती है buyer और सेलर इस पॉइंट को नोटिस करते हैं और ट्रेड का प्लान करते है

Volume At Certain Price Levels

  •  एक विशेष प्राइस लेवल पर जितनी अधिक खरीदी और बिक्री हुई है Support And Resistance लेवल उतना ही मजबूत होने की संभावना है ऐसा इसलिए है क्योकि ट्रेडर और इन्वेस्टर इन प्राइस लेवल्स को याद रखते है और उन लेवल्स पर फिर से ट्रेड के बारे मे सोचते है जब हाई वॉल्यूम पर स्ट्रांग एक्शन होते है और प्राइस गिरता है इसे पैनिक सेलिंग कहते है और रिटेल निवेशक यहा से एग्जिट करते चले जाते है क्योंकि ट्रेडर्स लोस्स की तुलना मे ब्रेक इवन प्वाइंट पर ट्रेड को एग्जिट करने मे अधिक सहज होते है

Importent 

  • कुछ ट्रेडर्स Support And Resistance लेवल्स को पूरी तरह से नजर अंदाज करते है क्योकि उनका कहना है जो लेवल्स या जॉन्स बने है यह पेस्ट के डाटा पर आधारित है जो फ्यूचर मे क्या होगा इसके बारे मे कोई वास्तविक जानकारी प्रदान नही करते है लेकिन टेक्निकल एनालिसिस की हेल्प से हम पास्ट के डाटा से सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस जॉन ड्रा कर सकते है इसलिए टेक्निकल एनालिसिस की पूरी तरह से अनदेखा नही कर सकते

FAQ 

Which time frame is best for support and resistance levels ? 

हम सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस को किसी भी टाइम फ्रेम मे ट्रेड कर सकते है लेकिन बड़े टाइम फ्रेम मे सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस अच्छा रिजल्ट दिखाते है छोटे टाइम फ्रेम मे हमे गलत सिग्नल मिल सकते है

What are the best tools and indicators for support and resistance trading ? 

सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस को ट्रेड करने के लिए बेस्ट टूल और इंडिकेटर मार्केट मे बहुत से अवेलेबल है लेकिन हम डायनेमिक सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस फाइंड आउट करने के लिए मूविंग एवरेज की हेल्प लेते है चार्ट पेटर्न की हेल्प से भी हम सपोर्ट रेजिस्टेंस फाइंड आउट कर सकते है

CONCLUSION  

  • Support And Resistance लेवल टेक्निकल एनालिसिस द्वारा use की जाने वाले महत्वपूर्ण अवधारणाओं मे से एक है स्ट्रांग सपोर्ट एरिया प्राइस के बॉटम मे क्रिएट होता है और इसके विपरीत एक स्ट्रांग रेजिस्टेंस एरिया प्राइस के टॉप मे क्रिएट होता है जब प्राइस गिरती है तो सपोर्ट लेवल को टेस्ट करती है या तो सपोर्ट लेवल से प्राइस फिर से बाउंस होगी या उसे सपोर्ट लेवल की ब्रेकडाउन कर देगी ब्रेकडाउन होने के बाद प्राइस नेक्स्ट सपोर्ट लेवल तक जा सकती है

  •  जब प्राइस फर्स्ट सपोर्ट को ब्रेकडाउन करती हुई सेकंड सपोर्ट की ओर जाती है तो ट्रेडर उसे सेकंड सपोर्ट लेवल पर प्राइस अपने आप को होल्ड करेगी और यहां से एक बाउंस बैक देखने को मिलेगा

  • इसके विपरीत रेजिस्टेंस लेवल की प्रेडिक्शन करना सही होगा क्योंकि यह ट्रेडर्स को सतर्क करता है की प्राइस इस जॉन से फिर से रिवर्स हो सकती है

  •  जैसा कि ऊपर बताया गया है कि Support And Resistance जॉन ड्रा करने के विभिन्न तरीके होते है हमने जितने भी मेथड देखे यह सब अलग-अलग है लेकिन इनकी व्याख्या एक समान है 

 

आज हम इस पोस्ट मे Support And Resistance बारे मे  विस्तार से समझा। यदि यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे अपने  सोशल मीडिया अकॉउंटस पर जरूर शेयर करे।यदि आपके कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे कमेंट करके बता सकते है।

नमस्कार दोस्तो ! मै Bhhawwani Shankaar Saini stockmarketsaamjho ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मै stockmarketsaamjho ब्लॉग पर शेयर मार्केट, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारिया शेयर करता हूँ।

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