बॉलिंगर बैंड क्या है ?
- John A. Bollinger ने बॉलिंगर बैंड को डेवलप किया था बॉलिंगर बैंड एक टेक्निकल टूल है जिसका प्रयोग हम वोलैटिलिटी ट्रैक करने के लिए करते है बॉलिंगर बैंड को हम इक्विटी मार्केट कमोडिटी करंसी क्रिप्टोकरंसी फ्यूचर ऑप्शंस फॉरेक्स मार्केट सब जगह अप्लाई कर सकते है
- बॉलिंगर बैंड हम किसी भी टाइम फ्रेम पर प्रयोग कर सकते है लेकिन बड़े टाइम फ्रेम मे अच्छा रिजल्ट मिलता है बॉलिंगर बैंड मे मोस्टली तीन तरह के बैंड हमे चार्ट पर दिखते को मिलते है अपर बैंड लोअर बैंड और मिडिल बैंड बेसिकली जो मिडिल बैंड होता है वह 20 पीरियड मूविंग एवरेज ही होता है बॉलिंगर बैंड किसी भी अंडरलाइन एसेट की वोलैटिलिटी को दर्शाता है
TOOL
- बॉलिंगर बैंड यह एक वोलैटिलिटी टाइप का इंडिकेटर है इसकी डिफॉल्ट सेटिंग पर ही हम काम करेगे किसी भी अंडरलाइन ऐसेट की वोलैटिलिटी SQUEEZE BREAKOUT से पता चलती है
- relative strength index(rsi) यह एक मोमेंटम इंडिकेटर है
- इसके डिफॉल्ट सेटिंग 70-30 होती है जिसे हम बदलकर 60-40 कर देंगे यह अनकंवेंशनल वे है
- rsi above 60 – uptrend
- rsi between 40 and 60 – sideways
- rsi below 40 – downtrend
- Swing Trading Strategy Cup Pattern | कप पैटर्न स्ट्रेटेजी इन हिंदी
TIME FRAME
- इस सेटअप में हम DAILY TIME FRAME का यूज़ करेंगे DAILY TIME FRAMER मे बॉलिंगर बैंड का SQUEEZE ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन को फाइंड करना है साथ ही RSI 60 के लेवल को भी ब्रेकआउट करके कैंडल क्लोज देनी चाहिए or RSI 40 के लेवल को भी ब्रेकडाउन करके कैंडल क्लोज देनी चाहिए
HOW THE SETUP WORK
- बॉलिंगर बैंड का वर्किंग सिस्टम बहुत सिंपल है जब स्टॉक काफी समय से कंसोलिडेट कर रहा होता है तो अपर और लोअर बैंड पास पास आ जाते है इसे स्क्वीज़ कहा जाता है प्राइस जब अपर बैंड को ब्रेक करके ऊपर जाती है तो स्टॉक मे हाई वोलैटिलिटी देखने को मिलती है और बैंड वॉक हो जाते हैं
- यही सही समय होता है स्टॉक में एंट्री लेने का इसके साथ RSI को भी वॉच करना है जब स्टॉक मे वोलैटिलिटी और मोमेंटम एक साथ होते हैं तो प्राइस के ऊपर जाने के चांसेस ज्यादा होते हैं RSI 60 के लेवल को ब्रेक करके कैंडल की क्लोजिंग का वेट करे इसका एग्जांपल नीचे दिया गया है इस तरफ का सेटअप क्रिएट होने पर हम स्टॉक में बाय पोजीशन क्रिएट करेंगे इसके विपरीत जब बॉलिंगर बैंड नीचे की तरफ स्पीच होता है और rsi 40 के लेवल के नीचे ट्रेड कर रहा होता है तो हम यहां पर शॉर्ट पोजीशन क्रिएट करते हैं जैसा कि एग्जांपल में दिखाया गया है
SETUP RULES FOR GOING LONG
ENTRY
- यह सेटअप मे हम एंट्री के लिए कुछ बातो का ध्यान रखना होगा बॉलिंगर बैंड जब स्क्वीज़ होकर ब्रेकआउट दे रहा हो और RSI 60 के लेवल पर कैंडल क्लोज होती है तो उसे कैंडल को अलर्ट कैंडल कहते है इस अलर्ट कैंडल के अकॉर्डिंग ही हम एंट्री करेगे जैसे ही अलर्ट कैंडल का हाई ब्रेक होता है तो हम उस स्टॉक में एंट्री एग्जीक्यूट करेगे
STOP LOSS
- अलर्ट कैंडल का लो हमारा स्टॉपलॉस रहेगा
QUANTITY
- हमारे कैपिटल का कितना प्रतिशत रिस्क ले सकते हैं उदाहरण के लिए हमारा कैपिटल 10 लाख है और हम एक प्रतिशत रिस्क ले सकते है तो हमारा 10000 का रिस्क पर ट्रेड होगा
TARGET
- Target 1 => साइज ऑफ़ द अलर्ट बार
- Target 2 => साइज ऑफ़ द अलर्ट बार *2
- Target 3 => साइज ऑफ़ द अलर्ट बार *3
FOR EXAMPLE
- इस एग्जांपल की हेल्प से हम इस सेटअप को आसानी से समझ सकते हैं सबसे पहले हमें SQUEEZE BRACKOUT और RSI 60 के ऊपर कैंडल क्लोज का वेट करना होगा इस एग्जांपल में HERO MOTOCORP SHARE का एग्जांपल हम समझ रहे हैं HERO MOTOCORP SHARE एंट्री प्राइस 3300 और स्टॉप लॉस 3177
ENTEY | 3300.0000000000 |
STOP LOSS | 3177 |
TARGET | 3546 |
RISK PER TRADE | 10K |
QTY | 81 |
PORTFOLIO AMOUNT | 10L |
SETUP RULES FOR GOING SHORT
ENTRY
- शॉर्ट एंट्री बनाने के लिए हमें बॉलिंगर बैंड का स्विच ब्रेकडाउन का वेट करना होगा और RSI 40 के लेवल पर कैंडल क्लोज का वेट करें इस कैंडल को हम अलर्ट कैंडल कहेंगे इस अलर्ट कैंडल के लो ब्रेक होने पर हम हमारी एंट्री एग्जीक्यूट करेंगे
STOP LOSS
- अलर्ट कैंडल का हाई हमारा स्टॉपलॉस रहेगा
QUANTITY
- हमारे कैपिटल का कितना प्रतिशत रिस्क ले सकते हैं उदाहरण के लिए हमारा कैपिटल 10 लाख है और हम एक प्रतिशत रिस्क ले सकते है तो हमारा 10000 का रिस्क पर ट्रेड होगा
TARGET
- Target 1 => साइज ऑफ़ द अलर्ट बार
- Target 2 => साइज ऑफ़ द अलर्ट बार *2
- Target 3 => साइज ऑफ़ द अलर्ट बार *3
FOR EXAMPLE
- इस एग्जांपल की हेल्प से हम इस सेटअप को आसानी से समझ सकते हैं सबसे पहले हमें SQUEEZE BRACKDOWN और RSI 40 के नीचे कैंडल क्लोज का वेट करना होगा इस एग्जांपल में JINDAL STEEL SHARE का एग्जांपल हम समझ रहे हैं JINDAL STEEL SHARE एंट्री प्राइस 660 और स्टॉप लॉस 675
ENTRY | 660.0000000 |
STOP LOSS | 675 |
TARGET | 630 |
QTY | 666 |
RISK PER TRADE | 10K |
PORTFOLIO AMOUNT | 10L |
FAQ
बोलिंगर बैंड्स का उपयोग कैसे करें?
बॉलिंगर बैंड्स का उपयोग स्पीच ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन फाइंड आउट करने के लिए किया जाता है
बोलिंगर बैंड क्या होता है?
बॉलिंगर बैंड्स एक वोलैटिलिटी इंडिकेटर है
आप बोलिंगर बैंड का उपयोग किस समय सीमा में करते हैं?
बोलिंगर बैंड का बेस्ट USE बड़े टाइम फ्रेम में मैं होता है like daily/weekly/monthly
बोलिंगर बैंड्स की सफलता दर कितनी है?
बोलिंगर बैंड्स का winning ratio 55% से 70% होता है
बोलिंगर बैंड्स के साथ कौन सा इंडिकेटर सबसे अच्छा है?
बोलिंगर बैंड्स के साथ RSI इंडिकेटर का use बहुत आसानी से किया जाता है बोलिंगर बैंड्स वोलैटिलिटी को शो करता है जबकि RSI इंडिकेटर मोमेंटम को शो करता है
CONCLUSION
- बोलिंगर बैंड्स और RSI की हेल्प से हम आसानी से स्विंग ट्रेडिंग स्टॉक को फाइंड करके इन्वेस्ट कर सकते हैं बोलिंगर बैंड्स हमें किसी स्टॉक की वोलैटिलिटी को बताता है जबकि RSI इंडिकेटर हमें प्राइस के मोमेंटम को बताता है इन दोनों इंडिकेटर की हेल्प से हम आसानी से स्विंग ट्रेडिंग करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं यह बहुत ही आसान स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी है इसका बेस्ट use इस ब्लॉक में समझाया हुआ है
आज हम इस पोस्ट मे Swing Trading Strategy Bollinger Band को विस्तार से समझा। यदि यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकॉउंटस पर जरूर शेयर करे।
यदि आपके कोई सवाल या सुझाव है तो आप मुझे कमेंट करके बता सकते है।