Top 4 Option Trading Strategies |ऑप्शन ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का बेस्ट यूज़ कैसे करे ?

Top 4 Option Trading Strategies 

  • ऑप्शन मार्केट मे ऑप्शन ट्रेडिंग करने के चार बुनियादी तरीके है हम कॉल ऑप्शन को बाय और सेल कर सकते है या पुट ऑप्शन को बाय और सेल कर सकते है एक ऑप्शन ट्रेडर नई पोजीशन बनाने के लिए या तो खरीदेगा या बचेगा और ओपन पोजीशन को क्लोज करने के लिए खरीदेगा या बचेगा चाहे हम कॉल या  पुट ले हम अंडरलाइन ऐसेट की प्राइस डायरेक्शन  मै ट्रेडर कर रहे होते है लेकिन ऑप्शन के खरीददार और विक्रेता को अलग-अलग तरीके से लाभ या हानि होती है
  • ऑप्शन बायर जब मार्केट की डायरेक्शन अपट्रेंड में होती है तो ऑप्शन ट्रेडर कॉल ऑप्शन को बाय करता है और पुट ऑप्शन को सेल करता है इसके विपरीत ऑप्शन सेलर मार्केट की डाउन डायरेक्शन मे पुट ऑप्शन को बाय करता है और कॉल ऑप्शन को सेल करता है

IMPORTENT POINTS 

  •  चार बुनियादी ऑप्शन स्थितिया है कॉल ऑप्शन को खरीदना बेचना पुट ऑप्शन को खरीदना बेचना
  •  ऑप्शन ट्रेडिंग करते समय खरीदार शर्त लगा रहा है कि अंडरलाइन ऐसेट की मार्केट प्राइस बढ़ेगी जिसे स्ट्राइक प्राइस कहा जाता है जबकि विक्रेता शर्त लगा रहा है कि ऐसा नही होगा
  •  कॉल या पुट ऑप्शन  खरीददार का नुकसान ऑप्शन प्रीमियम तक सीमित होता है इसके विपरीत कॉल या पुट विक्रेता को असीमित लाभ और नुकसान होने की संभावना होती है

Buying And Selling कॉल ऑप्शन

  • कॉल ऑप्शन खरीददार ऑप्शन एक्सपायरी होने से पहले उसे अंडरलाइन एसेट को खरीद सकता है अंडरलाइन एसेट स्टॉक इंडेक्स करेंसी  कमोडिटी हो सकते है
  •  एक ऑप्शन होल्डर जिस प्राइस पर अंडरलाइन एसेट को खरीदता है उसे स्ट्राइक प्राइस कहते है
  •  प्रत्येक ऑप्शन दो पक्षो के बीच एक शर्त है कॉल ऑप्शन के मामले मे खरीदार यह शर्त लगा रहा है कि अंडरलाइन एसिड की कीमत स्ट्राइक प्राइस की तुलना मे ओपन मार्केट से अधिक होगी और ऑप्शन  एक्सपायर होने से पहले यह स्ट्राइक मूल्य से अधिक हो जाएगी यदि ऐसा है तो ऑप्शन खरीदार उसे एसेट को ऑप्शन विक्रेता से स्ट्राइक मूल्य पर खरीद सकता है और फिर लाभ के लिए उसे दोबारा बेच सकता है
  •  कॉल ऑप्शन के खरीदार को उस सौदे के अधिकार के लिए अग्रिम शुल्क का भुगतान करना होगा जिसे प्रीमियम कहा जाता है विक्रेता जो शुरू मे ही भुगतान  को रिसीव किया जाता है जो शर्त लगता है कि एसिड का बाजार मूल्य ऑप्शन की स्ट्राइक प्राइस से अधिक नही होगा
  •  यह ऑप्शन खरीददार का जोखिम या अधिकतम नुकसान भी है
  • https://www.youtube.com/watch?v=jPhwBvyMe_k

Buying And Selling पुट ऑप्शन

  • पुट ऑप्शन खरीददार को एक निश्चित तिथि पर या उसे पहले एक स्ट्राइक प्राइस पर अंडरलाइन एसेट को बेचने का अधिकार देता है
  • इस मामले में पुट ऑप्शन का खरीदार अंडरलाइन एसेट को  शॉर्ट कर रहा है यह शर्त  लगाते हुए कि इसका मार्केट प्राइस ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस से नीचे आ जाएगा
  • तो वे एसिड को कम मार्केट प्राइस पर खरीद सकते है और फिर इस ऑप्शन विक्रेता को  बेच सकते हैं जो इसे हाई स्ट्राइक प्राइस पर खरीदने के लिए उत्साहित है
  • अगर बाजार मूल्य ऑप्शन के स्ट्राइक प्राइस से नीचे नही गिरेगा यह दाव लगाने के लिए पुट विक्रेता को ऑप्शन खरीदार से प्रीमियम प्राप्त होता है
Importent 
  • कॉल और पुट Options मे एक जोखिम होता है जिसे डेल्टा के रूप में जाना जाता है डेल्टा हमें बताता है कि एसिड की 1₹ की बढ़त के बाद ऑप्शंस की कीमत में कितना परिवर्तन आता है

Other Options Terms 

  • इन चार मूल Options स्थितियो के अलावा ऑप्शन ट्रेड स्प्रेड या कंबाइंड कांबिनेशन बनाने के लिए ऑप्शंस का भी प्रयोग उपयोग कर सकता है एक स्प्रेड में एक ही अंडरलाइन एसेट पर एक साथ ऑप्शन बाय और सेल कर सकता है एक कांबिनेशन दो या दो से अधिक ऑप्शंस को बाय सेल करते हैं
    नीचे कुछ बेसिक टर्म्स दिए गए है

Vertical Call / Put Options Spread 

  • बुल कॉल स्प्रेड स्ट्रेटजी मे एक निवेशक एक विशिष्ट स्ट्राइक प्राइस पर कॉल खरीदता है जबकि उच्च स्ट्राइक प्राइस पर सम्मान संख्या मे कॉल भेजता भी है दोनो कॉल Options की एक्सपायरी दे और अंडरलाइन एसेट समान होते है

Straddle 

  • एक लॉन्ग स्ट्रैडल Options स्ट्रेटजी को तब बनाया जाता है जब निवेदक एक ही स्ट्राइक प्राइस और एक्सपायरी डे के साथ एक ही अंडरलाइन एसेट का कॉल और पुट ऑप्शन खरीदता है एक निवेशक अक्सर इस स्ट्रेटजी का उपयोग तब करता है जब उसे विश्वास होता है कि अंडरलाइन एसिड की कीमत एक विशिष्ट सीमा से काफी आगे बढ़ जाएगी लेकिन वह अनिश्चित है कि यह मूव किस डायरेक्शन मे आएगा

Strangle 

  • लॉन्ग स्ट्रांगल ऑप्शन स्ट्रेटजी मे निवेशक एक अलग स्ट्राइक प्राइस के साथ एक कॉल और एक पुट ऑप्शन खरीदता है एक आउट ऑफ द मनी कॉल और एक आउट ऑफ द मनी पुट ऑप्शन एक ही अंडरलाइन एसेट और एक्सपायरी डेट  के होने चाहिए एक निवेशक जो इस स्ट्रेटजी का उपयोग करता है उसका मानना है कि अंडरलाइन एसिड की कीमत मे बहुत बड़े उतार चढ़ाव हो सकते है लेकिन वह अनिश्चित है कि उतार-चढ़ाव किस दिशा मे हो  सकते है

Butterfly 

  • बटरफ्लाई स्ट्रेटजी मे एक निवेशक एक itm पुट  भेजेगा  और एक otm पुट खरीदेगा साथ ही atm कॉल भी बचेगा और otm कॉल खरीदेगा सभी ऑप्शन की एक्सपायरी दे समान होते है और एक ही अंडरलाइन एसेट होते है हालांकि यह  स्ट्रेटजी बटरफ्लाई स्प्रेड के समान है इसमे कॉल औरपुट दोनो का प्रयोग किया जाता है इस स्ट्रेटजी में हम atm streddle sell  इस निर्माण को दो स्प्रेड के रूप मे भी सोच सकते है दोनों स्प्रेड के लिए समान चौड़ाई होना आम बात है

Covered call 

  • कॉल Options के साथ एक स्ट्रेटजी यह हो सकती है की  सिर्फ एक नेकेड कॉल ऑप्शन खरीदा जाए या हम एक बेसिक कवर्ड कॉल ऑप्शन राइटिंग कर सकते है यह एक पापुलर स्ट्रेटजी है क्योकि यहा से इनकम जेनरेट किया जा सकता है और अकेले स्टॉक पर लंबे समय तक टिके रहने की जोखिम को काम करता है  ट्रेड पेऑफ यह है कि आपको अपने शेयर एक निश्चित प्राइस पर  buy करने होते है  और इसके साथ आउट ऑफ द मनी का कॉल सेल करते है हम सामान्य रूप से अंडरलाइन स्टॉक खरीदते है और साथ ही उन शेयर पर कॉल राइटिंग करते है

FAQ

स्टार्टिंग में बिगिनर्स को ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहिए?

शुरुआती निवेशको के लिए ऑप्शन ट्रेडिंग जोखिम भरा हो सकता है इसलिए बिगनर ट्रेडर ऑप्शन ट्रेडिंग से दूर ही रहे हालाकि ऑप्शन ट्रेडिंग का उपयोग करने वाली कुछ सिंपल स्ट्रैटेजिस है इसके थ्रू बिगनर ट्रेडर आसानी से ट्रेड कर सकते है FOE EXAMPLE – LONG CALL SPREAD ETC

कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन में क्या डिफरेंस है?

कॉल Options हमे शेयर खरीदने का अधिकार देता है जबकि पुट ऑप्शन हमे शेयर बेचने का अधिकार देता है ऑप्शन ट्रेडिंग मे ऑप्शन बार को लिमिटेड लॉस और अनलिमिटेड प्रॉफिट होता है इसके विपरीत ऑप्शन सेलर को लिमिटेड प्रॉफिट और अनलिमिटेड लॉस होने की संभावनाएं होती है

CONCLUSION 

  • ऑप्शन ट्रेडिंग में प्रयोग होने वाले शब्द लॉजिकल होते है जो इसे कॉम्प्लिकेटेड बनाते है
  • जब हम ऑप्शन में ट्रेडिंग करते है तो हम ऑप्शन को रियल मे खरीद या बेच नही रहे होते है हम यह एनालिसिस कर रहे होते है कि ऑप्शन की  प्राइस up जाएगी या डाउन
  • Options ट्रेडिंग लेवरेज पर आधारित है जिसे ऑप्शन ट्रेडर कम इन्वेस्टमेंट से ज्यादा रिटर्न बनाने के बारे मे सोचता है
  • Options ट्रेडिंग रिस्की है इसे आसान बनाने के लिए इसे डेली प्रैक्टिस किया जाता है
  • Options ट्रेडिंग पर sebi का पूरा कंट्रोल है sebi इसकी पूरी देखरेख कर रही होती है
  • Options ट्रेडिंग का प्रयोग हमारे द्वारा किए गए इन्वेस्टमेंट को हेजिंग करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है हेजिंग का प्रयोग big money fii dii करते हैं जिसे अधिक लॉस से बचा जा सकता है

आज हम इस पोस्ट मे Top 4 Option Trading Strategies के बारे मे  विस्तार से समझा। यदि यह जानकारी आपको पसंद आई हो तो इसे अपने सोशल मीडिया अकॉउंटस पर जरूर शेयर करे।
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नमस्कार दोस्तो ! मै Bhhawwani Shankaar Saini stockmarketsaamjho ब्लॉग का फाउंडर हूँ। मै stockmarketsaamjho ब्लॉग पर शेयर मार्केट, पर्सनल फाइनेंस से सम्बंधित जानकारिया शेयर करता हूँ।

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